भारत का चेहरा 'इंडिया'
भारत और इंडिया सुनने में दो लगते हैं. पूरी दुनिया में भारत ही एक ऐसा देश है जिसके दो नाम है. मतलब हिन्दी में भारत और अंग्रेजी में इंडिया. पता नहीं लेकिन देश की स्थिति को देखकर लगता है कि देशभक्ति कम होती जा रही है. हो भी क्यों नहीं जो भारत से प्रेम करता हो उसे इंडिया से क्या मतलब. और जो इंडिया से प्रेम करता हो उसे भारत से. आजाद तो भारत हुआ है इंडिया नहीं लेकिन आजादी महसूस इंडिया वाले कर रहे हैं. आज परिस्थिति ऐसी हो गई है कि परदेश के एयरपोर्ट पर जब किसी यात्री से पूछा जाता है कि आप किस देश से हैं तो भारत कहने पर वे सीधे कहते हैं अच्छा इंडिया से. भारत गुम होता जा रहा है. आज भारत क्रिकेट मैच जीतता है तो कोई ये नहीं बोलता की भारत जीता है, सब कहते हैं इंडिया जीता है. भारत की क्रिकेट टीम भी 'टीम इंडियाÓ के नाम से जानी जाती है. छोडिय़े कोई और उदाहरण लेते हैं. एक फिल्म का गाना बहुत हिट हुआ 'चक दे इंडियाÓ मतलब हम पूरी तरह देश को नजरअंदाज कर रहे हैं. अब तक आप कन्फयुज्ड हो गये होंगे. क्या भारत और इंडिया लगा रखे हैं. मेरा कहना है बिलकुल साफ है. जब पूरी दुनिया के देशों का किसी भी भाषा में हो एक नाम है तो हमारे देश का क्यों नहीं. भारत कहना अच्छा नहीं लगता. जरा सोचे जब हम नारा लगाते है. भात माता की जय अब ये नारा तो नहीं लगाते की इंडिया माता की जय. आज भारतीय क्रिकेट टीम की स्थिति वैसी है वो इंडिया के लिए खेलते हैं. भारत के लिए नहीं. पूरी की पूरी बीसीसीआई में भारत के लिए जगह ही नहीं है. अगर रहता तो एशियन गेम्स में वह अपनी क्रिकेट टीम जरूर भेजती. चलो अब बात करते हैं जो भारत का आइना है. ये नाम तो सिर्फ उदाहरण है आप ही गौर करें एयर इंडिया, इंडियन एयरवेज, इंडियन एक्सप्रेस, इंडिया टुडे, टीवी टूडे, हॉकी इंडिया, टीम इंडिया, एनडीटीवी इंडिया, इंडिया न्यूज, इंडियन आइडल यह तो बस उदाहरण है. जो भारत के अर्थ को ही भूल गये हैं ऐसे सैकड़ों नाम है जो इंडिया से शुरू या खत्म होता है. इसे इस छोटे से आलेख में बताना मुश्किल होगा. अब तो हम सुधर ही नहीं सकते हैं. बस ये कामना कर सकते हैं जो भी हो भारत नहीं इंडिया का भला हो रहा है.
आलेख- चंदन कुमार
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