नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमि...
जय घोष की धुन पर कदमताल करते स्वयंसेवकों को हर कोई मानो देखता ही रह गया। मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख सुहासराव के हनुमानगढ़ आगमन पर संघ के स्वयंसेवकों ने टाउन में पथ संचलन किया। इसमें जंक्शन व टाउन के स्वयंसेवकों ने भाग लिया। लोगों ने पुष्प वर्षा कर जगह-जगह स्वयंसेवकों का स्वागत किया। पथ संचलन रामलीला रंगमंच से रवाना होकर शहर के मुख्य मार्गों से होता हुआ वापस रामलीला रंगमंच पर पहुंचा। सह सेवा प्रमुख सुहासराव ने कहा कि हिंदुत्व पंथ और संप्रदाय नहीं बल्कि यह जीवन जीने की पद्धति है। हिंदुत्व इस देश की राष्ट्रीयता है। इसकी कमी के कारण ही हम वर्षों गुलाम रहे। अंग्रेजों ने शिक्षा माध्यम से यह साबित करने की कोशिश की कि हिंदू दुर्बल, जातिवादी और संप्रदायवादी है। कुछ हद तक अंग्रेज अपनी चाल में सफल रहे जिसका नतीजा आज भी देखने को मिल रहा है।
जाति व धर्म से पृथक है आरएसएस: स्वतंत्रता के बाद देश के नेता भी अंग्रेजों द्वारा चलाई गई नीति पर चल रहे हैं। देश के नेता अपना हित साधने के लिए अलग-अलग जाति सम्मेलन करते हैं लेकिन जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जाति और पंथ से ऊपर उठकर संपूर्ण हिंदू समाज के लिए चिंतन करता है तो उसे संप्रदायिक व संकुचित विचारधारा वाला संगठन बताया जाता है। सुहासराव ने डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार (आद्य सर संघ चालक) का उदाहरण देते हुए कहा कि डॉक्टर केशव ने एमबीबीएस की उपाधि प्राप्त करने के बाद मनुष्य की नाड़ी जांच करने की बजाए पूरे हिंदू समाज की समस्याओं की जड़ की नाड़ी चैक करके एक सबल सुदृढ़ बलिष्ठ, ध्येयवादी हिंदू समाज का निर्माण करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का निर्माण किया।
चरित्र के बल बनिए जेंटलमैन : अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख ने चरित्र पर बल देते हुए कहा कि हमारे देश का चरित्र हमेशा उच्च आदर्शों का रहा है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद की अमेरिका की घटना की चर्चा करते हुए कहा कि जब विवेकानंद अमेरिका में थे तब वहां के लोग सन्यासी वेशभूषा पर कटाक्ष करते थे। उस पर विवेकानंद ने एक सज्जन को बताया था कि आपके देश में भद्रपुरुष (जेंटलमैन) टेलर बनाता है जबकि हमारे देश में व्यक्तित्व व चरित्र के द्वारा जेंटलमैन बनाया जाता है।
आज भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों में यही व्यक्तित्व व चरित्र के द्वारा जेंटलमैन बनाया जाता है। आज भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों में यही व्यक्तित्व और चरित्र समाज व राष्ट्र देखता है।
इसलिए होता है पथ संचलन
पथ संचलन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए सुहासराव ने कहा कि इससे राष्ट्रीय शक्तियों को बल मिलेगा और अंतरराष्ट्रीय शक्तियों को आघात पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं से निजात पाने के लिए हिंदू शक्ति संगठित हो, क्योंकि हिंदू ही यहां का पुत्र है वहीं इस देश का भला चाहता है। इस अवसर पर हनुमानगढ़ जिले के संघ चालक मोमनचंद मित्तल ने विचार व्यक्त किए। स्वयंसेवक नागराज ने आभार जताया
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