बीजेपी के प्रचार में फिर वाजपेयी का सहारा
विधानसभा चुनाव में बीजेपी फिर से वाजपेयी का राग अलापने जा रही है. लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद लगता है फिर से बीजेपी को अपने पुराने साथी की तलाश तेज कर दी है. वरना बीजेपी के लोग तो वाजपेयी को भुला ही दिये थे. उनका नाम या उनकी तश्वीर भी शायद कहीं नजर आती थी. यही कारण है कि बीजेपी हर चुनाव में हार रही थी. कलह की वजह यह है कि भाजपा के पास कोई ईमानदार चेहरा ही नहीं बचा है जो भाजपा को बाहर निकाल सके.
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