देश की संप्रभुता खतरे में: मोहन भागवत
जबलपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश की सम्प्रभुता पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं और पड़ोसी देशों की द
खलंदाजी बढ़ रही है।
भागवत ने रविवार को यहां आरएसएस के कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, एक तरफ जहां चीन की दखलंदाजी बढ़ रही है, वहीं पाकिस्तान का विवाद वर्षों से लोगों के सामने है। इस बीच बांग्लादेश भी भारत में आतंकवादी गतिविधियां फैलाने में जुटा हुआ है। इसके अलावा देश के अंदर चल रही आतंकवादी और नक्सलवादी गतिविधियां भी देश की सम्प्रभुता को खतरे में डाल रही हैं।
उन्होंने कहा, 'नक्सली हत्याएं कर रहे हैं और नेता कहते हैं कि गोलियां मत चलाओ। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीयकरण और वैश्वीकरण में भारत की शक्ति भले ही बढ़ी हो, लेकिन चारों ओर से मंडराते खतरे को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।' उन्होंने माना कि कुछ वर्षों में देश की हालत में सुधार हुआ है, लेकिन यह भी कहा कि देश की सम्प्रभुता पर छाए खतरे अभी दूर नहीं हुए हैं।
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हमारे नेता समाजवाद का नारा देकर भ्रमित करना चाहते हैं, जबकि वास्तव में निजीकरण के रूप में उनकी देश को अमेरिका बनाने की चाहत है। इस एकत्रीकरण कार्यक्रम में आरएसएस के महाकौशल प्रान्त के लगभग 36 हजार स्वयंसेवकों सहित स्थानीय लोग भी मौजूद थे।
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