पाश्चात्य संस्कृति विनाशक - केएस सुदर्शन
भोपाल: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निवृत्तमान सर संघचालक केएस सुदर्शन ने कहा है कि पाश्चात्य संस्कृति प्रकृति विनाशक है। हमें भारतीय संस्कृति से सीख लेकर प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए। नर्मदा समग्र न्यास के नवनिर्मित भवन ‘नदी का घर’ का लोकार्पण करते हुए गुरुवार शाम उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का लघुरूप है, जहां प्रकृति के हर रंग दिखाई देते हैं।
भारत ही एक ऐसा देश हैं, जहां छह ऋतुएं होती हैं। यहां के पर्यावरण की रक्षा का जिम्मा हम सबका है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि नर्मदा को प्रदूषण से मुक्त रखना जरूरी है, लेकिन यह काम सिर्फ सरकार का नहीं, समाज का भी है। नर्मदा की धारा प्रवाहमान रहे और दोनों किनारों पर हरियाली भरपूर हो, यह जरूरी है।
पहले हवा और पानी
संतश्री उत्तमस्वामी ने कहा कि मां की उपाधि देने के बावजूद नदियां नालों में तब्दील होकर दम तोड़ रही हैं। हर व्यक्ति की जिम्मेदारी इन्हें बचाने की है। न्यास के अध्यक्ष अमृतलाल बेगड़ ने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान से पहले हवा और पानी जरूरी हैं। प्रदेश में नर्मदा ही पानी का पर्याय है, जिसके हर कोने की रक्षा होनी चाहिए।
सचिव अनिल माधव दवे ने कहा कि नर्मदा समग्र नर्मदा घाटी की समृद्घ संस्कृति को सरंक्षित करने के लिए कटिबद्ध है। कार्यक्रम में भवन के रचनाकार अजय कटारिया और ठेकेदार नवजीत बग्गा का सम्मान किया गया। बड़ी संख्या में पर्यावरणप्रेमी सामाजिक कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
पुनर्जन्म लेकर संघर्ष
मुख्यमंत्री अपने भाषण में भूमाफिया, मिलावट माफिया और खनन माफिया पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि इन सबके खिलाफ हमारा अभियान जारी रहेगा। लोग मुझसे कहते हैं कि ये ताकतवर हैं। इनसे लड़ते-लड़ते खुद खत्म हो जाओगे, लेकिन मैं कहता हूं कि खत्म हो भी गया तो फिक्र नहीं। मैं पुनर्जन्म लेकर संघर्ष को जारी रखूंगा।
साभार - भास्कर.कॉम
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