इशरत एन्काउंटर: मोदी में बचाव में उतरा संघ

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इशरत जहां एन्काउंटर मामले में गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार का बचाव किया है। संघ ने अपने मु
खपत्र पांचजन्य में आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी अल्पसंख्यकों को धोखा देते हुए मोदी को मुस्लिम विरोधी नेता के रूप में पेश कर रही है।

लेख में लिखा गया है कि सेक्युलरों के लिए मुसलमानों के प्रति अपने कथित प्रेम को दर्शाने का सबसे आसान तरीका यही है कि मोदी की गलत इमेज बना दी जाए। लेकिन कांग्रेस अपनी ही सरकार द्वारा पेश हलफनामे के कारण मुश्किल में फंस गई। मोदी सरकार ने केन्द्र की खुफिया सूचनाओं के आधार पर इशरत और उसके तीन आतंकवादी साथियों का एन्काउंटर किया था। जाहिर है कि केन्द्रीय खुफिया एजंसियों की ऐसी रिपोर्ट मिलने पर कोई भी राज्य सरकार लापरवाही बरतने का खतरा नहीं उठा सकती थी। यही मोदी सरकार ने किया। वह अब भी अपने इसी दावे पर कायम है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने भी इस बारे में दिए अपने हलफनामे में मुठभेड़ को सही बताया था और अब भी केन्द्रीय गृह सचिव उस हलफनामे को सही ठहरा रहे हैं और कह रहे हैं कि हमने खुफिया रिपोर्ट के आधार पर अदालत में हलफनामा दिया था।

सोनिया पर निशाना
संघ ने कहा कि सेक्युलर ब्रिगेड गुजरात के मुख्यमंत्री पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं चूकती और ये नेता सारी लोकतांत्रिक मर्यादाओं को लांघकर उनके प्रति अपशब्दों का प्रयोग करने में भी नहीं हिचकिचाते। इस संदर्भ में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आड़े हाथ लेते हुए संपादकीय में कहा गया है कि राज्य में पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मुस्लिम हितैषी दर्शाने के लिए सोनिया ने गुजरात दंगों के संदर्भ में मोदी को मौत का सौदागर कह दिया था और इस बार इशरत कांड पर कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता ने मोदी सरकार को आदमखोर तक कह डाला। इशरत मामले में जिस रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस उछल रही है, केन्द्र का शपथपत्र ही उसकी काट कर रहा है।

मोदी मुस्लिम हितैषी

गुजरात के मुख्यमंत्री को मुस्लिम हितैषी बताते हुए संघ ने कहा कि मोदी ने मुसलमानों के लिए जितना काम किया, उतना तो कांग्रेस, मुलायम सिंह यादव और मायावती ने भी नहीं किया। अल्पसंख्यक कल्याण के प्रधानमंत्री के 15 सूत्री कार्यक्रम के कार्यान्वयन में मोदी सरकार उस यूपी से भी आगे है, जहां मुस्लिम आबादी तो सबसे ज्यादा है ही, मुलायम और मायावती जैसे मुस्लिम वोटों के लालची और खुद को मुसलमानों का सबसे बड़ा हिमायती बताने वाले लोगों का शासन रहा है।
कांग्रेस और उसके सेक्युलर सहयोगी मुसलमानों के हमदर्द होने का ढोंग करके उनके वोट से सत्ता सुख तो भोगते हैं लेकिन उनके उत्थान में मोदी से कई गुना पीछे हैं। आखिर ये नेता मोदी का मुस्लिम विरोधी चेहरा आरोपित करके कब तक अल्पसंख्यकों को ठगते रहेंगे?
साभार - नवभारत टाईम्स.कॉम

0 टिप्पणियाँ:

Related Posts with Thumbnails

Blog Archive

  © Blogger templates The Professional Template by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP