आरएसएस ने जसवंत को फटकारा
नयी दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जिन्ना प्रेम के लिए भाजपा से निष्कासित नेता जसवंत सिंह की जहां जम कर खबर ली है वहीं यह भी जता दिया है कि 2005 में पाकिस्तान के संस्थापक को ‘सेक्युलर' बताने वाले लालकृष्ण आडवाणी के आचरण को उसने अभी भुलाया नहीं है।
संघ ने जसवंत सिंह या उनकी पुस्तक का नाम लिए बिना कहा कि भारतीय जनमानस में जिन्ना को ‘दुष्टात्मा से महात्मा' साबित करने के प्रयास हो रहे हैं लेकिन केवल समय ही बताएगा कि ये कोशिशें कहां तक कामयाब होती हैं। पाकिस्तान यात्रा के दौरान आडवाणी द्वारा जिन्ना को ‘सेक्युलर' बताए जाने पर भी परोक्ष प्रहार करते हुए संघ के मुखपत्र के संपादकीय में कहा गया कि यह शोध का विषय होगा कि जिन्ना की प्रारंभिक राजनीति सेक्युलर थी या पाकिस्तान के गठन के बाद उनके एक भाषण में अल्पसंख्यकों की ओर हमदर्दी का हाथ बढ़ाने मात्र से वह ‘पाकिस्तान के हिन्दुओं'प्रति उदार हो गए।
गौरतलब है कि 2005 में पाकिस्तान यात्रा के दौरान आडवाणी ने जिन्ना के संविधानसभा में दिए इस भाषण का हवाले से ही उन्हें ‘सेक्युलर' घोषित कर दिया था, जिसकी कीमत उन्हें भारत आने पर भाजपा के अध्यक्ष पद से हट कर चुकानी पड़ी। संपादकीय में कहीं भी सरदार पटेल का नाम नहीं लिया गया और जिन्ना की इस बात के लिए आलोचना की गई कि उन्होंने हमेशा गांधीजी, पंडिल जवाहरलाल नेहरू और मौलाना आज़ाद के लिए अभद्र और गाली-गलौच वाली भाषा का प्रयोग कर इन नेताओं का अपमान किया। ‘कुंठित जिन्ना ने कांग्रेस को हिन्दू पार्टी, गांधी, नेहरू और अन्य कांग्रेसी नेताओं को हिन्दू नेता तथा मौलाना आज़ाद को ‘हिन्दुओं का गुलाम' बताकर हमेशा उनका तिरस्कार किया। इसमें कहा गया कि 1976 में जिन्ना की जन्मशती के अवसर पर पाकिस्तान सरकार ने उनकी छवि उबारने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया और अध्ययन पत्र तथा पुस्तकें लिखने के लिए बड़े पैमाने पर धन देना शुरू किया। अमेरिका, यूरोप और एशिया के विद्वान इस मुहिम में जुट गए। भारत में भी यह ट्रैक टू कूटनीति लुभावना शगल बन गया है। संघ ने कहा कि देश के विभाजन और उसके चलते लाखों लोगों के कत्लेआम के लिए जिम्मेदार जिन्ना को पाकिस्तान अब इस तरह के हथकंडो से महात्मा गांधी, अब्राहम लिंकन और नेल्सन मंडेला की श्रेणी में लाने का प्रयास कर रहा है,लेकिन इन सबसे भारत में जिन्ना की छवि नहीं बदलने वाली है। इस दिशा में किए गए हर प्रयास को असफलता ही हाथ लगेगी।
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