अंग्रेजी को देश में अनावश्यक महत्व : सुदर्शन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रमुख केएस सुदर्शन ने कहा है कि देश में अंग्रेजी को अनावश्यक महत्व दिए जाने के कारण इसे न जानने वाले लोगों में हीन भावना आती है तथा ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिभाएं आगे नहीं बढ़ पाती। उन्होंने कहा कि इसके लिए आवश्यक है कि अंग्रेजी के साथ अन्य विदेशी भाषाओं का अध्ययन जारी रखा जाए लेकिन मातृ भाषा में अध्यापन होने से देश की प्रतिभाएं आगे बढ़ सकेंगी। उन्होंने हिंदी भाषी राज्यों में एक विश्वविद्यालय में हिंदी माध्यम से अध्यापन का सुझाव दिया।
सुदर्शन रवीन्द्र भवन में रामशंकर अग्निहोत्री को स्व. श्री माणिकचंद्र वाजपेयी राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार देने के लिए आयोजित समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के कई गैर हिंदी भाषी क्षेत्रों में अपनी मातृभाषा के प्रति लगाव अभी भी कायम है परंतु हिंदी भाषी क्षेत्रों में अंग्रेजी को अधिक प्रधानता दी जाती है। उन्होंने हिंदी समाचार-पत्रों में अंग्रेजी भाषा के उपयोग पर अप्रसन्नता प्रदर्शित की तथा कहा कि हिंदी समाचारों में हिंदी शब्दों का ही प्रयोग करना चाहिए तथा आवश्यक होने पर नए हिंदी शब्दों को लोकप्रिय बनाना चाहिए। भाषा की शुद्धता का भी अपना महत्व होता है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी तथा अन्य विदेशी भाषाओं को सीखने में कोई आपत्ति नहीं है परंतु हमें अपनी-अपनी मातृभाषा से लगाव होना चाहिए। यह हमारे राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक मूल्यों को भी मजबूत बनाने में सहायक होगा।
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