बलूचिस्तान का उल्लेख सामरिक चूक


जम्मू। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ [आरएसएस] के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शर्मअल शेख में भारत-पाक संयुक्त बयान में बलूचिस्तान के उल्लेख को एक बड़ी गलती और सामरिक चूक बताते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कमजोर कदम दर्शाता है। भागवत ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि अभी तक देश में कई सरकारों ने शासन किया। लेकिन पहली बार इस सरकार ने बलूचिस्तान का उल्लेख किया। यह एक बड़ी गलती थी। क्या सिंह कमजोर हैं, इस पर उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से भारत बचाव की मुद्रा में चला गया है। आतंकवाद और पाकिस्तान के साथ भावी बातचीत का जिक्र करते हुए भागवत ने कहा कि गोली से बोली नहीं हो सकती। पहले गोली बंद करो फिर बोली की बात करो। चीन की विस्तारवादी रणनीति पर पूछे गए सवाल पर आरएसएस प्रमुख ने कहा कि चीन के किसी नापाक इरादे से निपटने के लिए कड़ी नजर रखने की जरूरत है। जम्मू-कश्मीर के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने धारा 370 को हटाने का पक्ष लिया। उनका कहना था कि इससे केवल अलगाववाद को हवा मिलती है और घाटी में राष्ट्र विरोध तत्व इसका फायदा उठाते हैं।
साभार - दैनिक जागरण

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