VHP खोलेगी प्रॉडक्शन हाउस, वेब पोर्टल की तैयारी

नई दिल्ली ।। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की हमेशा से शिकायत रही है कि हिंदू हित के मुद्दे अथवा उससे जुड़े घटना

क्रम पर मीडिया में संघ परिवार का पक्ष नहीं दिखाया जाता है। मीडिया द्वारा लगातार 'उपेक्षा' से आहत वीएचपी ने अब अपना पक्ष रखने के लिए प्रॉडक्शन हाउस खोलने का फैसला किया है। योजना है कि प्रॉडक्शन हाउस प्रोग्राम बनाकर चैनलों पर स्लॉट लेकर दिखाएगा। कुछ चैनलों से इसके लिए बातचीत भी चल रही है। अगर इसके अनुभव अच्छे रहे तो वीएचपी बाद में अपना चैनल लाने पर भी विचार कर सकती है। इसके अलावा वीएचपी एक पोर्टल भी लाने जा रही है, जिसमें 'हिंदू सरोकारों' से जुड़े सारे मुद्दे को तरजीह दी जाएगी।

वीएचपी के केंद्रीय महामंत्री और मीडिया प्रभारी राजेंद्र पंकज का इस बारे में कहना है, 'आज देश में हिंदू अवधारणा और आस्था निशाने पर है। हम हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं और ऐसी परिस्थिति में हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकते। इसलिए समाचार और विचार को सही तरीके प्रस्तुत करने व भारतीय विचारों को पोषित करने के लिए हम छोटी सी पहल कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि, 'आज देश में सेवा कार्यों का जिक्र आने पर केवल चर्च की चर्चा होती है जबकि संघ परिवार एक लाख से अधिक प्रकल्प चला रहा है। मीडिया संघ परिवार की नकारात्मक छवि बनाने में ही रुचि रखता है, जबकि हम कई सकारात्मक काम कर रहे हैं। प्रोग्रामिंग के जरिए इन्हीं सकारात्मक कार्यों को उभारा जाएगा।'

वीचएपी की इस मुहिम को परवान चढ़ाने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि के कई पत्रकार भी मदद कर रहे हैं। इसके साथ ही देश का एक अग्रणी मीडिया हाउस स्टूडियो वगैरह के निर्माण में मदद कर रहा है। इसी मीडिया हाउस के टेक्निकल हेड की देख-रेख में वीएचपी के दिल्ली के आरकेपुरम में मौजूद मुख्यालय के एक हिस्से को प्रॉडक्शन हाउस का रूप देने का काम चल रहा है। करीब आधा से अधिक काम पूरा भी हो चुका है। उम्मीद है कि दो महीने में स्टूडियो और पोस्ट प्रॉडक्शन के लिए एडिटिंग बे आदि बनकर तैयार हो जाएंगे।

वीएचपी से जूड़े सूत्र का कहना है कि अगस्त के अंत निर्माण कार्य पूरा होने के बाद प्रोग्राम तैयार करने का काम शुरू होगा। प्रोग्रामिंग दो स्तर की होगी। संघ परिवार और वीएचपी के सामाजिक क्षेत्र में काम चल रहे हैं। वीएचपी की योजना है कि संघ परिवार के सामाजिक कार्यों पर वह डॉक्यूमेंट्री बनाकर और धार्मिक चैनलों पर स्लॉट खरीदकर इसे दिखाया जाए। दूसरी योजना सम-सामयिक विषयों पर डॉक्यूमेंट्री और चैट शो जैसे प्रोग्राम तैयार करने की भी है। कोशिश यह रहेगी कि इन प्रोग्रामों का प्रसारण न्यूज चैनलों पर हो सके।



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