कार्यकर्ता स्वप्रेरणा से कार्य करें- मोहन राव भागवत

गोरखपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सहकार्यवाह मोहन राव भागवत ने कहा कि संघ अपनी 83 वर्ष की यात्रा को पूरी करके आगे बढ़ता जा रहा है। इसलिए स्वयंसेवकों को नए मार्गदर्शन की आवश्यकता नहीं है।

मार्गदर्शन हमें डा. हेडगेवार से 1925 में संघ स्थापना के समय ही मिल चुका है। सर कार्यवाहक भगवत रविवार को यहां के 4200 चुने स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी को स्वप्रेरणा से कार्य करने वाला बनने की आवश्यकता है। संघ की शाखा में सब भाई-भाई हैं यही सिखाया जाता है। हमारी आत्मीयता व्यक्ति से नहीं ध्येय निष्ठा से है।

उल्लेखनीय है कि संघ के सर कार्यवाह भागवत गोरक्ष प्रांत के अपने नियमित वार्षिक प्रवास पर 29 जनवरी से 1 फरवरी तक गोरखपुर में रहे। अपने प्रथम तीन दिन के प्रवास में विभाग एवं प्रांत स्तर के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की संगठनात्मक बैठक संघ कार्यालय, माधवधाम में की और संगठन तथा शाखा के विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण पर विस्तार से चर्चा की और मुक्त भाव से कार्यक्र्ताओं की बातों का सुना।

प्रवास के आखिरी दिन प्रात: स्वयंसेवकों के सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद एक बड़ी समस्या के रूप में सामने है लेकिन यह समस्या अपने देश के लिए नई नहीं है। बंदूक के बल पर भय दिखाकर अपनी गलत बात मनवाना ही आतंकवाद है। सरकार के पास सभी तंत्र होने के बाद भी सरकार इस मायने में असफल है। इस्लामिक आतंकवाद का भयावह साम्राज्य हम हजार वर्ष पूर्व से देखते आ रहे हैं लेकिन इसका समाधान जागृत समाज के हाथों ही संभव है। इस समस्या का कारण सुप्त समाज है। नींद से जगा हिन्दू समाज समस्या को दूर करता है। इसलिए केवल नीति, नेता, नारा सरकार से समस्या का समाधान संभव नहीं है। जाग्रत हिन्दू समाज की समस्या का एकमात्र समाधान है। बंटा हिंदू समाज दुश्मनों का मार्ग प्रशस्त करता है।

साभार-दैनिक जागरण

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