राज्यपाल शीलेंद्र कुमार सिंह पद की गरिमा का ध्यान रखें।
जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने राज्यपाल शीलेंद्र कुमार सिंह से कहा है कि वे पद की गरिमा का ध्यान रखें। उनका किसी पार्टी कार्यकर्ता की तरह बयान देना राज्यपाल जैसे पद के अनुकूल नहीं है। संघ उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए विधि विशेषज्ञों से परामर्श ले रहा है।
संघ की क्षेत्रीय कार्यकारिणी के सदस्य कन्हैयालाल चतुर्वेदी और अधिवक्ता परिषद राजस्थान के प्रांतीय महामंत्री राजदीपक रस्तोगी ने सोमवार को पत्रकार सम्मेलन में कहा कि संघ ने सदैव इस तरह के कार्र्यो की भत्र्सना की है। संघ प्रतिदिन शाखाओं में राष्ट्रप्रेम और चरित्र निर्माण की बात करता है। सम्मेलन में क्षेत्र संघ चालक ओमप्रकाश आर्य का बयान जारी किया गया। इसमें उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्वारा संघ को आतंकवादी संगठन बताना, गांधीजी की हत्या में शामिल होना जैसा वक्तव्य देना तथ्यों से परे है। न्यायालयों के फैसले के विरुद्ध है।
उधर, भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने गांधीजी की हत्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का हाथ होने संबंधी राज्यपाल एस.के. सिंह के बयान को आधारहीन बताते हुए केंद्र सरकार व राष्ट्रपति से उनकी बर्खास्तगी की मांग की है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अरुण चतुर्वेदी ने पार्टी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया में कहा कि यह बयान तथ्यों से परे है। अगर एस.के. सिंह को राजनीति का इतना ही शौक है तो उनको राज्यपाल जैसा गरिमामय पद छोड़कर राजनीति में उतर जाना चाहिए। राज्यपाल को यह जानकारी होनी चाहिए कि गांधीजी की हत्या की जांच करने वाले आयोग ने संघ को निदरेष माना था। आयोग की रिपोर्ट के अध्ययन के लिए तीन अलग अलग कमेटियां बनाई गई थीं। इन कमेटियों की रिपोर्ट में संघ को पूरी तरह से निदरेष माना था। इसी के आधार पर संघ पर प्रतिबंध हटाया गया था।
उन्होंने कहा कि आरएसएस को आतंकवादी संगठन कहना कांग्रेस पार्टी की उसी सोच को आगे बढ़ाता है, जहां से सिमी पर प्रतिबंध का विरोध किया जाता है और ए.आर. अंतुले जैसे नेता मुंबई कांड के आतंकवादियों को क्लीन चिट देते
साभार - भास्कर न्यूज
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