हिन्दू हितों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं-संघ |


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव परिणाम अलगाववादी और राष्ट्र विरोधी ताकतों के मुँह पर तमाचा है और इससे यह साफ हो गया है कि वोट बैंक की आड़ में हिन्दू हितों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं होगी।

संघ के मुखपत्र पांचजन्य के ताजा अंक के संपादकीय में कहा गया है कि अमरनाथ यात्रा पर चोट करने वाली पीडीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार के खिलाफ जम्मू क्षेत्र के सभी वर्गों एवं समुदायों ने एकजुट होकर जो आक्रोश व्यक्त किया था, उस पर इस विधानसभा चुनावों के दौरान जनता ने मुहर लगा दी और हिन्दुत्व विरोधी राजनीतिक ताकतों के पैर उखाड़ दिए।

संपादकीय में कहा गया है कि अमरनाथ आंदोलन ने जम्मू क्षेत्र के साथ गत छह दशक से हो रहे राजनीतिक भेदभाव के विरुद्ध जनचेतना जगाई और अब मतदाताओं ने इस पर मुहर लगा दी।

संघ का मानना है कि जनता ने छद्म धर्मनिरपेक्ष राजनीति को धता बताते हुए दो टूक संदेश दिया है कि राजनीति की दिशा को राष्ट्रहितोन्मुख बनाने के लिए हिन्दुत्वनिष्ठ समाज का संगठित और जागृत होना एक महत्वपूर्ण कारक है। जम्मू में पार्टी सीट को एक से ग्यारह तक पहुँचाकर जनता ने भाजपा के कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी डाली है। पार्टी को अब इस बात की चिंता करनी होगी कि सत्ता एवं वोट की राजनीति से अलिप्त रहकर हिन्दूहितों का संवर्धन करें।

साप्ताहिक ने लिखा है कि घाटी में मुस्लिमपरस्त राजनीति को परवान चढ़ाने के लिए जम्मू और लद्दाख क्षेत्रों के हितों की जो बलि चढ़ाई जाती रही है, सरकार इससे बाज आए और यह जाने कि घाटी के बाहर भी राज्य के इन दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जम्मू-कश्मीर राज्य का बड़ा हिस्सा बसता है, इसके विकास और हितों की अनदेखी करना उन्हें भारी पड़ सकता है।

संघ ने जनता को सचेत करते हुए कहा है कि उसे सतर्क रहना चाहिए क्योंकि इस बार नया रूप धारण कर वे ही अवसरवादी ताकतें फिर सत्तारूढ़ हो रही हैं।

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