अपने गिरेबान में झांक करके देखे मीडिया |
आज ३ दिन हो गए है मुंबई में हुए हादसे को जब मुडभेड जारी थी तो कह रहे थे की ये मुंबई का स्प्रिट है देश को कोई तोड़ नही सकता, सभी चैनल जैसे NDTV ने अभियान चलाया की "देश जोड़िये तोडिये मत" Zee न्यूज़ ने अभियान चलाया की "ये भारत पर हमला है " अब बात करते है India TV की जिसमे दिखाया गया की "आतंकवाद बनाम भारत" लेकिन ये सिर्फ़ उस दिन के लिए थी जब तक आतंकवादियों के साथ मुडभेड हो रही थी बाद में हमारे नेताओ से पूछा गया की इस समय क्या करेगी आप की सरकार तो नेताओ ने कहा की ऐसी घटना एक आत बार हो जाती है मीडिया पर मैं ये कहना चाहता हूँ की इस बयां के पहले पूरी की पूरी मीडिया जगत सरकार को कोई कठोर कदम उठाने के लिए कह रही थी |"क्यों मरते हो सनम के लिए
दो गज जमीं नही मिलेगी दफ़न के लिए
मरना है तो मरो वतन के लिए
हसीना भी दुपट्टा फाड़ देगी कफ़न के लिए "
मीडिया भी एक शब्द को लेकर आतंकवाद की घटना को भुला दिया और उनका मुद्दा है कौन इस्तीफा देगा, कौन नही देगा कौन जाएगा कौन आयेगा वह आतंकवादी तो इतने ताकतवर हो गए है की उनसे सरकार भी डरती है वरना ये कौन कहता है की एक आत बार ये घटना हो जाती है | मीडिया भी कहाँ पीछे रहने वाली थी आतंकवाद की घटना के बाद उनके पास कोई समाचार नही था तो फ़िर घेर लिए राजनेताओ को और कहने लगे की अब कौन इस्तीफा देगा भई मैं ये कहता हूँ की आप तो इस मुद्दे में ये तो भूल ही गए की सरकार आतंकवाद के खिलाफ क्या कदम उठा रही है | आप तो चले गए की कौन आ रहा है और कौन जा रहा है | मीडिया को अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए की वो कही अपने अपने मूल सिद्धांत से भटक तो नही गए | आज मैं इस ब्लॉग को जब लिख रहा हूँ तो TV पर ये न्यूज़ चल रहा है की "मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा की जो लिपिस्टिक लगा कर मोमबती जलाते है उन्हें नेताओ को दोषी नही ठहराना चाहिए " अब लो एक नया मुद्दा अब इसे लेकर स्पेशल रिपोर्ट बनाकर चलाएंगे भई चलो मैं भी अपने मुद्दे से भटक रहा हूँ मीडिया की तरफ़ मैं भी जा रहा था लेकिन मैं फ़िर कह रहा हूँ आप भी जागो और लोगो को जगाओ |
एक SMS आया वो आतंकवाद के खिलाफ है फ़िर भी मुझे नही प्रेरणा मिली मैंने भी भी लिखा और अपने दोस्तों को भेजा आप भी भेजे
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