आ गए अपनी औकात पर (चोर है सारे.......)



मुंबई में आतंकी हमले के बाद एक बात साफ हो गई है की आतंकवादी के खतरनाक मनसूबे इन्तहां की हद तक जा पहुची है | हाल के कुछ वर्षों के दौरान आतंकवादी हमलो में काफी वृद्धि देखि गई है आतंकवाद की बढती घटनाओ की मुख्य वजह राजनितिक कमजोरी है | देश में आतंकवादियों को धर्म के आधार पर पहचाने जाने की खतरनाक इरादों के कारण इसे रोक पाना मुस्किल हो गया है | जब हमारी खुफिया एजेंसियों को पता चल गया था फ़िर भी हम कुछ नही कर सके हमारी देश की जनसँख्या लगभग 1 अरब 8 करोड़ है और २६ आतंकवादियो ने ३ दिनों तक पुरे देश को हिला दिया हम कहाँ है हरी सरकार कहाँ है हम कहते है २०२० तक भारत एक विकसित देश बन जाएगा | क्यों झूट बोलते हो जब २६ आतंकवादियो से नही सके तो पुरे विश्व से क्या सकेंगे मैं अपने देश की बुराई नही कर रहा हम तो सिर्फ़ हूँ नेताओ पर हंस रहे है जो इतनी बड़ी आतंकी घटना को कहते है की छोटी मोटी घटनाऐ होती रहती है शर्म आनी चाहिए हमारे नेताओ को देश से खेल रहे है कुछ दोष तो हमारे पुलिश में भी है याद रहे मैं अपने जवानों को कुछ नही कह रहा हूँ पुलिश क्या करती है कुछ नही सिर्फ़ घटना होने के बाद सर इन्वेस्टीगेशन करने पहुच जाती है करना धरना कुछ नही | ९ आतंकवादी को ढेर करने के लिए हमने अपने २० जवानों को खो दिए, १८३ लोगो की जाने गई और हमारी सरकार कहती है एक आत घटना हो जाती है क्यों भाई हम यही कह के इस पर मन मटोस कर रह जाते है की ये मुंबई की स्प्रिट है सब ढकोसला है मुंबई कभी सोती नही थी लेकिन ३ दिन सो गई रतन टाटा ने कहा है की हम ताज को फ़िर उसी रूप में वापस ले आयेंगे लेकिन क्या गारेंटी है की फ़िर ऐसी आतंकवादी घटना फ़िर ताज या ताज के आस पास नही होगी रतन टाटा के पास पैसा है तो बन जाएगा लेकिन इस घटना में जिनके परिवार टूटे है उन्हें कैसे जोड़ा जाएगा हमारी सरकार सिर्फ़ मीटिंग कर रही है अभी तक १२ जे ज्यादा बैठके हो चुकी है सभी राजनैतिक दलों की लेकिन | हम तो सलाम करते है उन जाबांज जवानों की जिन्होंने हमे बचा लिया |
आप को एक बताना चाहता हु क्या आप को मालूम है की आधा से जयादा पुलिश बल हमारी नेताओ के साथ घुमती है | वो देश की उन नेताओ की देख रेख में रहती है बात यहाँ ख़तम नही होती है | आप सोचिये अगर ATS, STF, BLACK COMMANDO, NSG, नही होते तो क्या होता हम में से कुछ लोग कम हो गए होते | पकड़े गए एक आतंकवादी ने तो ये भी बताया की ५००० लोगो को मरने की साजिश थी, और मरे १८३ मतलब उनका काम पुरा नही हुआ है और जब आतंकवादी से हमरी सेना लड़ रही थी तो सबने कहा की एक कठोर कानून की आवश्कता है | जब sab ख़तम हो गया तो आर आर पाटिल पलट गए ल भाई मैं कहूँगा की ये भारत है तो इस देश में आतंकवाद की खिलाफ कोई ख़तर कानून नही है कुछ सीखना चाहिए बंगलादेश से जिसमे आतंकवाद की खिलाफ कानून है की अगर कोई किसी भी आतंकवाद या इसमे शामिल पाया गया तो उसे फंसी की सजा है भाई हमारे देश में इतने बड़े देश में कोई आतंकवाद घटना होती है तो इस्तीफे जो दौर चालू हो जाता है क्यों अपने में लड़ते हो अगर इस्तीफा देने से कानून बन जाता तो लगे रहो इंडिया और इंडिया के नेताओ हमारी फिक्र कौन करता है हम तो आम जनता है और इस देश में जनता को कौन जानता है |

0 टिप्पणियाँ:

Related Posts with Thumbnails

Blog Archive

  © Blogger templates The Professional Template by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP