फ़िर वही बयान लाया हूँ (आतंकवाद के खिलाफ)

हमारे देश के नेताओ को बयान भी नही देने आता है वो देश को क्या चैन और शान्ति देंगे मुंबई में धमाको के बाद फ़िर वही बयान फ़िर वही माहौल शायद हमारे गृहमंत्री और प्रधानमंत्री को आदत सी हो गई है मुंबई
(२७ नवम्बर 2008) को दिए गए बयान ठीक बाकि आतंकी हमलो जैसी ही है |
प्रधानमंत्री ने कहा २७ नवम्बर २००८ को - महाराष्ट्र के मुख्मंत्री देशमुख से तत्काल मुंबई पहुचने को कहा गया है | सभी इंतजाम किए जा रहे है लोग धैर्य से काम ले.
गृहमंत्री (शिवराज पाटिल)- आतंकवादी दहसत में है, इसलिए बौखलाहट में ऐसी करवाई को अंजाम दे रहे है.
सुनिए दिल्ली (१३ सितम्बर २००८) को हुए हमले के बाद क्या कहा प्रधानमंत्री - मुझे इन धमाको में मरे गए लोगो के प्रति गहरा दुःख है, लोग इस विपरीत परिस्थिति में शान्ति बनाये रखे|
गृहमंत्री (शिवराज पाटिल)- जो लोग इस आतंकी घटना में शामिल है, उनसे सरकार शक्ति से निपटेगी, लोगो से अपील है की वह इस मौके पर शान्ति बनाये रखे | (लेकिन वो लोग शान्ति कैसे बनाये रख सकते है की लोग इसमे मरे है, कहने से कुछ नही होता है)
जयपुर (१३ मई, २००८) प्रधानमंत्री - मैं इस आतंकवादी करवाई की निंदा करता हूँ | आतंकी चोरी - छिपे वारदातों को अंजाम दे रहे है इनसे निपटने में कोई ढीला रवैया नही अपनाया जा रहा है | ऐसे वारदातों से बचाव के लिए सभी सम्भव उपाए किए गए है | फिलहाल मैं किसी तरह का ब्यक्तत्व नही देना चाहता हूँ जिससे जाँच प्रतिक्रिया बाधित हो |
गृहमंत्री (शिवराज पाटिल)- मैं पीड़ित लोगो के प्रति गहरी संवेदना ब्यक्त करता हूँ. भारत सरकार मृत लोगो के परिवारों के एक लाख और गंभीर रूप से घायलों को पचास हजार रूपी से अंतरिम रहत की घोषणा करती है| (पैसे देने से आतंकवाद के रूप में दिए गए जख्म भर नही सकते )
बंगलुरु (२५ जुलाई , २००८) को फ़िर वही भाषण दोहराए गए-
प्रधानमंत्री - मैं लोगो से शान्ति बनाये रखने का अपील करता हूँ और लोगो को इन धमाको में मरे गए है उनके प्रति दुःख जताता हूँ , मैं सिरिअल ब्लास्ट की घोर भत्सना करता हूँ |
गृहमंत्री (शिवराज पाटिल)- राष्ट्रद्रोही तत्वों द्वारा शान्ति भंग करने का प्रयास है सरकार ऐसे तत्वों के खिलाफ सकत कदम उठाती रहेगी लोग शान्ति कायम रखे और किसी भी हालत में ऐसी तत्वों के प्रयास को कामयाब नही होने दिया जाएगा |
अहमदाबाद (२६ जुलाई, २००८) को फ़िर वही घिसी पिटी बयान दिया गया और हुआ कुछ नही प्रधानमंत्री - मैं लोगो से शान्ति बनाये रखने का अपील करता हूँ और जो लोग इन धमाको में मरे गए है उनके प्रति दुःख जताता हूँ |
गृहमंत्री (शिवराज पाटिल)- इस समय हमलोगों भयाक्रांत होने की जरुरत नही है और हमें स्थिति पर विचार किया जा रहा है पीड़ित लोगो की मदद की जायेगी साथ ही आगे ऐसी घटना की पुनावृति न हो इसके लिए मंथन करने की आवश्कता है |

इसमे मुझे को कमेंट्स की आवश्कता नही है क्यों की ये जो मैंने लिखा है वो आप भी जानते है क्यों की हमारी सरकार कुछ नही कर सकती है किसी को देश की फिकर नही है नेता को घुस और अपने परिवार की फिकर है देश की फिकर तो जो करते है उन्हें अपनी जान देकर देश भक्ति की मिसाल पेश करना पड़ता है |

2 टिप्पणियाँ:

परमजीत सिहँ बाली 29 नवंबर 2008 को 9:54 am बजे  

आप ने बिल्कुल सही लिखा है।

Unknown 29 नवंबर 2008 को 10:34 am बजे  

अमेरिका मे एक आतंकी हमला हुआ और उसके बाद भले हीं जेहादी अमेरिका को दुश्मन नं. 1 मानते रहे लेकिन दुसरा हमला करने की हिम्मत नही जुटा सके। लेकिन भारत मे हरेक महिने कोई नक्सली या जेहादी कोई न कोई दुर्घटना कराने मे सफल हो जाते है। क्या कारण है इसका। आतंकीयो का मनोबल उंचा उठाने और देशभक्तो को प्रताडीत करने मे सोनिया और उसके वफादार मनमोहन एवम शिवराज का बहुत बडा हाथ है। शायद आतंकीयो को लगता है की भारत उनके ससुराल की तरह है। शिवराज पाटिल और गृह राज्य मंत्री जायसवाल से तो वो अपने सालो की तरह मोहब्बत करते है। और जब सालो का राज हो तो फिर डर काहे का ?

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