दिग्विजय सिंह पहले बताओ क्या तुम हिन्दू हो


कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का संघ के बारे में एक आलेख राष्ट्रीय सहारा के 25 दिसम्बर के अंक से लिया गया हैं. जिसमे संघ को एक बड़ा खतरा कहा गया हैं. संघ के बारे में ऐसी बाते तो वो बोल देते हैं लेकिन क्या इंडियन मुजाहिदीन या सिमी के बारे में उनका ऐसा विचार हो सकता हैं. नहीं- क्योकि अगर कांग्रेस चुनाव जीतती हैं तो इन संगठनों के मदद से इसकी भी जाँच होनी चाहिए. सीबीआई कांग्रेस के लिए काम करती हैं. लेकिन सब जानकार भी चुप हैं. इस लेख के बारे में अपने विचार जरुर दे




संघ सबसे बड़ा खतरा
दिग्विजय सिंह, महासचिव कांग्रेस
महाधिवेशन में संघ परिवार को निशाना बनाने के क्या मायने हैं जबकि साल 2011 के चुनाव में आपको पश्चिम बंगाल और केरल में वामदलों से भिड़ना है, उसके बाद उप्र में बसपा से मुकाबला होना है? कांग्रेस के लिए सिर्फ चुनाव ही सब कुछ नहीं है। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा भी है कि कांग्रेस को सिर्फ चुनाव लड़ने की बड़ी मशीन भर नहीं बने रहना है। कांग्रेस के सामने वामपंथियों की भी चुनौती है और क्षेत्रीय दलों की भी चुनौती है। पर इससे कहीं ज्यादा बड़ी चुनौती संघ परिवार और भाजपा की हिंसा और नफरत फैलाकर देश और समाज को बांटने में लगी विचारधारा से है। संघ परिवार अपने शिशु मंदिरों के जरिये बच्चों को गुमराह कर रहा है और उसने नौकरशाही, पुलिस, खुफिया तंत्र और सेना तक में अपनी पैठ बना ली है। मालेगांव धमाके में सेना के दो अफसरों को धरा गया है, यह किसी से नहीं छिपा। संघ परिवार और भारत देश की एकता के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। इसलिए महाधिवेशन में उनसे सावधान रहने को कहा गया। आरएसएस को आपने एक तरह से आतंकी संगठनों के बराबर खड़ा करने की कोशिश की; आपकी बड़ी आलोचना हो रही है कि इससे पाकिस्तान और दूसरी आतंकी शक्तियों को बल मिलेगा ? मुझे कोई यह बताये कि पहले संघ परिवार और भाजपा कहा करते थे कि पकड़े जाने वाले सभी आतंकी मुसलमान होते हैं। अब जबकि संघ परिवार के लोग धमाकों में पकड़े जाने लगे हैं तो उसकी बोलती बंद है। उन्हें मेरी यह बात खराब लग रही है कि मैं इस सवाल को क्यों उठा रहा हूं कि धमाकों में पकड़े जा रहे बहुसंख्यक व्यक्ति संघ परिवार से ही क्यों हैं? यह कोई सिर्फ बयान नहीं है बल्कि तथ्य है। संघ परिवार के लोग जवाब दें कि प्रज्ञा ठाकुर, दयानंद पांडे और कर्नल पुरोहित किस मामले में जेल में बंद हैं? क्या वे राजनीतिक बंदी हैं या फिर उन्होंने बम फोड़े थे! पहले मैंने जब इस बात को उठाया था कि विभिन्न धमाकों में लिप्त संघ परिवार से आने वाले सुनील जोशी को संघ के लिए लोगों ने मरवाया है तो इस पर संघ परिवार ने बड़ा हल्ला किया था। अब जांच एजेंसी ने भी मान लिया है कि सुनील जोशी को उसके ही साथियों ने मरवाया था। इस मामले की फाइल को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और वहां के जिन अफसरों ने बंद कर दिया था उनकी भी जांच होनी चाहिए क्योंिक इसके पीछे किसी बड़ी साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता। आमतौर पर विपक्ष की नेता पर भ्रष्टाचार जैसे आरोप नहीं लगाये जाते लेकिन आपने इस सीमा को भी लांघा और महाधिवेशन के मंच से सवाल किया कि कर्नाटक में खनन के गोरखधंधे में लगे रेड्डी बंधुओं से सुषमा स्वराज अपने रिश्ते स्पष्ट करें? कर्नाटक के रेड्डी बंधुओं के खनन व्यवसाय पर अदालत भी प्रतिकूल टिप्पणी कर चुकी है। यह सर्वविदित है कि इन रेड्डी बंधुओं को भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का समर्थन है। अगर भाजपा नेता का रेड्डी बंधुओं से कोई रिश्ता नहीं तो वे आरोप को खारिज क्यों नहीं करतीं?




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