सड़क पर नमाज अदा करने से लोग परेशान
नई दिल्ली : साउथ दिल्ली के अलकनंदा में अरावली अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों और पास ही मौजूद मस्जिद के चलते परेशान हैं। अरावली अपार्टमेंट निवासियों और मस्जिद में नमाज़ पढ़ने वालों के बीच अच्छा खासा विवाद हो गया है।
अरावली अपार्टमेंट निवासियों का कहना है कि नमाज़ वाले दिन लोग पूरा ट्रैफिक जाम करके सड़क पर नमाज़ अदा करते हैं, जिससे आने-जाने वाले लोगों को काफी दिक्कत होती है। परेशान लोगों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ अवमानना याचिका दायर कर दी है। गौरतलब है कि पिछले साल जनवरी में दिल्ली हाई कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि पुलिस यह सुनिश्चित करे कि नमाज़ मस्जिद के अंदर ही अदा की जाए।
हालांकि, मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस का आश्वासन मिलने के बाद अरावली अपार्टमेंट निवासियों की इस याचिका रद्द कर दी है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मस्जिद के आसपास के इलाके को नमाज़ के वक्त खाली रखा जाएगा और देखा जाएगा कि सड़क पर नमाज़ अदा न की जाए।
अरावली अपार्टमेंट के गेट नंबर 10 के पास मदनी मस्जिद है और हर शुक्रवार यहां करीब 600 लोग नमाज़ अदा करते हैं, जिसे सड़क पर पूरा जाम लग जाता है। हाल ही में करीब 300 पुलिसकर्मियों को यहां तैनात किया गया था ताकि नमाज़ियों को सड़क पर नमाज़ पढ़ने से रोका जाए। लेकिन पुलिस ने यह कहकर कि हर हफ्ते यह इंतजाम करना संभव नहीं है, इससे किनारा कर लिया।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह अरावली अपार्टमेंट की समस्या नहीं है, जहां हर शुक्रवार लोग सड़क पर नमाज़ पढ़ने लगते हैं। यह समस्या पूरी दिल्ली की है। मस्जिदों में इतनी जगह नहीं कि वहां सारे नमाज़ी नमाज़ पढ़ सकें, इसलिए वे लोग सड़क जाम कर नमाज़ पढ़ने लगते हैं। और इसके लिए हर सप्ताह बहुत से पुलिसकर्मियों को इन इलाकों में लगाना पड़ता है और इससे मैनपावर की बर्बादी होती है।
उन्होंने दावा किया कि वह कोर्ट के आदेश का पालन करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। फरवरी और मार्च 2010 के दौरान पुलिस ने करीह 113 लोगों को पकड़ा भी। इतना ही नहीं मुस्लिम समुदाय के 23 प्रतिनिधियों के साथ उन्होंने कोर्ट के आदेश के बारे में बात भी की। लेकिन उन्होंने भी उल्टे पुलिस के खिलाफ अवमानना का केस कर दिया कि उन्हें नमाज़ अदा करने से रोका जा रहा है। गृह मंत्रालय के पास भी यह शिकायत भेजी गई।
मदनी मस्जिद के इमाम मुफ्ती नसीमुद्दीन कासमी ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा- हमें सड़क पर नमाज़ अदा करने के लिए मजबूर किया गया है। हम पहले जहां पर नमाज़ अदा करते थे उस जगह पार्किंग बना दी गई है। वह जगह मस्जिद की है और वहां नमाज़ियों को नमाज़ पढ़ने की इजाजत मिलनी चाहिए। हम पुलिस के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं।
वहीं, RWA के वाइस प्रेजिडेंट आर.जी. गुप्ता ने कहा- जब फ्लैट का अलॉटमेंट हुआ था तो यहां कहीं भी मस्जिद नहीं थी। मस्जिद अपार्टमेंट के निर्माण के दौरान ही बनी।
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