संघ विरोध के बीच उड़ीसा पहुंचे यूरोपीय राजनयिक

फूलबनी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विरोध के बीच यूरोपीय यूनियन के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का गुरुवार से कंधमाल दौरा शुरू हो गया। प्रतिनिधिमंडल 25 माह पूर्व जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा के प्रभावित इलाकों को देखेगा और पीडि़तों से भेंट करेगा। दल में स्पेन, हंगरी, पोलैंड, आयरलैंड, इटली, नीदरलैंड्स, ब्रिट� न, फिनलैंड और स्वीडन के राजनयिकों के साथ यूरोपीय यूनियन के भारतीय कार्यालय के दो अधिकारी भी शामिल हैं। दौरे को लेकर हिन्दू संगठनों के कड़े विरोध को देखते हुए प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त किए हैं। यूरोपीय यूनियन के प्रतिनिधियों ने पहले भी दो बार इलाके का दौरा करने की कोशिश की लेकिन उड़ीसा सरकार की अनुमति न मिलने से वे सफल नहीं हो सके। इस बार राज्य सरकार ने दौरे के लिए अनुमति दी है। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य सबसे पहले नंदगिरी राहत शिविर पहुंचे,जहां पर हिंसा से पीडि़त 52 परिवारों के लोग रह रहे हैं। मूल रूप से बाटीकेला के इन पीडि़तों को सरकार ने स्थान व घर बनाने के लिए धन मुहैया कराया है। प्रभावितों ने अपने गांव लौटने से इन्कार कर दिया है और नंदगिरी में ही रह रहे हैं। विदेशी राजनयिकों ने राहत शिविर के लोगों से करीब आधे घंटे तक बातचीत की और उनका रहन-सहन देखा। इससे पहले भुवनेश्वर पहुंचने पर राजनयिकों से हिंसा के कुछ पीडि़त वहीं पर मिलने पहुंचे और कुछ देर बात भी की। प्रतिनिधिमंडल का कुछ और स्थानों पर जाने का भी कार्यक्रम है। इसके अतिरिक्त राजनयिक कंधमाल के जिला मजिस्ट्रेट से मिलेंगे और फास्ट ट्रैक कोर्ट भी जाएंगे, जहां पर घटना के आरोपियों के खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं। कंधमाल के पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया है कि सब कुछ ठीक चल रहा है। संघ परिवार के विरोध को देखते हुए एहतियात बरती जा रही है कि कोई अवांछित व्यक्ति राजनयिकों के नजदीक न जा सके।

साभार - प्रेसनोट.इन

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