षडयंत्रकारियों को मुंह तोड़ जवाब दें: भागवत

इलाहाबाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने यहां देश के साथ षडयंत्र करने वाली शक्तियों को मुंह तोड़ जवाब देने का आह्वान किया। ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर कालेज में शनिवार को सामाजिक सद्भाव की बैठक में उन्होंने कहा भारत में विविधताओं में एकता की संस्कृति रही है।
जाति-पंथ, भाषा-प्रांत अलग होने के बाद भी एकात्मता का भाव है। विविधताओं के कारण हम अनेक बार परतंत्र हुए। अब पुन: ऐसा षडयंत्र चलाया जा रहा है।


संघ प्रमुख ने कहा किसी भी राष्ट्र की उन्नति के लिए उस राष्ट्र के राष्ट्रीय भाव से युक्त समाज का एक रहना आवश्यक है। उन्होंने कहा भारत की आयु विश्व में सर्वाधिक है। आयु बढ़ने के साथ-साथ उसकी विविधता बढ़ती है। जैसे मां के गर्भ में बढ़ता शिशु मूल में तो एक ही कोशिका है। जन्म के बाद सबका डीएनए एक है। एक डीएनए टेस्ट के सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है कि आज से 40 हजार वर्ष पूर्व इंडोइरानियन प्लेट के निवासियों का डीएनए मैपिंग एक है। ऐसे हम सब एक ही पूर्वज की संतान हैं।
उन्होंने कहा एक होने की प्रक्रिया समय लेती है। सद्भावना से ही एकीकरण की प्रक्रिया ठीक चलती है।
सामाजिक सद्भाव बैठक में संघ प्रमुख ने विभिन्न जाति-पंथ तथा बिरादरियों के प्रमुखों के विचारों को सुना और कहा कि संघ सामाजिक समरसता है। समाज में सद्भावना आए यही प्रयास है। इसकी मजबूत नींव तभी पड़ेगी जब हम इसे स्वयं अपने आचरण में उतारे। महापुरुष पूरे समाज का होता है। बड़ी संख्या में महापुरुषों की जयंतियों में सहभागी होने से सामाजिक सद्भाव बढ़ेगा। तीन घंटे तक चली बैठक में बीच में विहिप अध्यक्ष अशोक सिंहल भी पहुंचे।


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