हम खिलाते हैं तो नेता खाते है
जमशेदपुर : आज कल टाटा टी का एक विज्ञापन चल रहा है. नेताओं को हम खिलाते है तो नेता खाते हैं. कल तो हमारे नेताओं ने इस बात को पूरी तरह से सिद्ध कर दिया. नेताओं को कोई फर्क नहीं पडता की आम आदमी किस तरह दो जून की रोटी का जुगाड करते हैं. महंगाई 19.95 के रिकार्ड स्तर को पार कर चुकी है. लेकिन आम जनता की आमदनी बढने के बजाय, नेता अपनी आमदनी बढाने की सोच रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक एक आम नेता एक महीने में 2 से 5 लाख रुपये कमाता है. फिर भी नेता बाज नहीं आ रहे हैं. एक कमिटी एक साल पहले बनी थी जिसमें भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं को शामिल करके बनाया गया था. पहले विपक्ष के नेता प्रो विजय कुमार मल्होत्रा को इसका चेयरमैन बनाया गया था लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया: इसके बाद करण सिंह को कमिटी का चेयरमैन बनाया गया इस कमिटी ने सिफारिश की कि गोवा और पंजाब विधानसभाओं की तरह उन्हें भी सुविधाएं दी जानी चाहिए. कमिटी का कहना है कि सदस्यों को कार्यकाल के दौरान वाहन, लैपटॉप, प्रिंटर, मोबाइल और अन्य सरकारी दफ़तरों में इस्तेमाल होने वाले उपकरण शामिल है.
इसके अलावा पूर्व सदस्यों को पेंशन, चिकित्सा सुविधाएं दी जाएं और दिवंगत सदस्यों के परिवार वालों को पारिवारिक पेंशन की सुविधा मुहैया कराई जानी चाहिए। चूंकि विधानसभा से पहले दिल्ली में महानगर परिषद होती थी इसलिए कमिटी की एक सिफारिश यह है कि महानगर परिषद के सदस्यों और दिल्ली में 1952 से 56 तक चलने वाली विधानसभा के पूर्व सदस्यों के मामले में सभी प्रावधानों सहित पेंशन समान होनी चाहिए। इस वक्त दिल्ली में विधायकों को वेतन के रूप में प्रतिमाह छह हजार रुपये और विधानसभा क्षेत्र के भत्ते के रूप में आठ हजार रुपये मिलते हैं। इसके अलावा विधानसभा या फिर कमिटी की किसी बैठक में शामिल होने के लिए 500 रुपये प्रतिदिन भत्ते के रूप में मिलते हैं। इसके अलावा चार हजार रुपये वाहन भत्ते के रूप में मिलते हैं। सचिवालय भत्ते के रूप में 10 हजार व टेलिफोन भत्ता चार हजार रुपये मिलता है। इसके अलावा घर पर दो हजार रुपये तक की बिजली और पानी मुफ्त होता है। वहीं गोवा में विधायकों का वेतन पांच हजार रुपये प्रतिमाह है लेकिन विधानसभा क्षेत्र भत्ते के रूप में वहां 26 हजार रुपये प्रति माह मिलते हैं। इसी तरह दैनिक भत्ते के रूप में साढ़े सात सौ रुपये मिलते हैं। वाहन भत्ते के रूप में हर महीने ढाई सौ लीटर पेट्रोल या डीजल के बराबर राशि मिलती है। इसी तरह पंजाब में विधायक को चार हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है। यहां विधानसभा क्षेत्र के भत्ते के रूप में 8 हजार रुपये मिलता है। इसके अलावा अलाउंस के रूप में 8 हजार रुपये और कंपनसेटरी अलाउंस के रूप में पांच हजार रुपये मिलते हैं।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें