पासवान बंद करो बकवास
पूर्व केंद्रीय मंत्री लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बजरंग दल पर सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है इससे पहले लालू यादव समेत देश के कई नेता कह चुके हैं लेकिन सोचने वाली बात यह है कि ऐसा बयान सिर्फ वहीं लोग कहते है जो बेकार में अपनी पब्लिसिटी कराना चाहते हैं. वैसे भी अभी इनका कुछ काम धाम तो रह नहीं गया है. तो करे क्या गाहे बगाहे लगे रहते हैं.
पटना के गांधी मैदान में आरएसएस की शाखा की निंदा और उसका विरोध करते हुए पासवान ने कहा कि करीब दो दशक के बाद आरएसएस के बिहार में इस जमाव़डे के लिए प्रदेश की नीतीश सरकार जिम्मेदार है। पासवान ने कहा कि पटना के गांधी मैदान में सरकारी खर्च पर आरएसएस की शाखाएं लगाई गईं और उसमें प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित बिहार सरकार में शामिल भाजपा के कई मंत्री शामिल हुए। मैं एक बात और कहना चाहता हूं कि आरएसएस इतनी छोटी संस्था नहीं है कि उसके पास इतने बडे कार्यक्रम करने के लिए सरकारी पैसे की जरूरत पडे, संघ जो भी करता है अपनी दम पर करता है और उसे ना समझने वाले आप जैसे छोटे मोटे दल के नेता ही हैं और कुछ नहीं. वैसे तो संघ को पूरी दुनिया जानती है, बापू की हत्या के लिए जिम्मेदार नाथूराम गोडसे को आरएसएस का सदस्य बताते है जबकि यह प्रमाणित हो चुका है कि नाथूराम गोडसे सिर्फ एक बार ही संघ की शाखा पर आये थे, उ़डीसा में ईसाई समुदायक के लोगों की हत्याओं के पीछे संघ का हाथ नहीं था बल्कि वहां की जनता ने ऐसा किया था, किसी भी धर्म के धर्म गुरु की हत्या होने पर क्या हत्यारा को छोड देंगे नहीं ना तो उडिसा की जनता ने भी छोडा नहीं बल्कि ईसाईयों को खदेड खदेड कर मारा, कारण कोई भी पासवान के कहने पर इतना बडा संगठन बंद हो जाये तो आपकी पार्टी को कौन बचाऐगा, इसलिए पहले अपनी स्थिति सुधारे फिर दूसरे के बारे में कहे पासवान जी.
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