जोज़फ़ और मैरी के पोस्टर पर विवाद
क्रिसमस के दिन हैं और न्यूज़ीलैंड में एक विवाद खड़ा हो गया है. विवाद के केंद्र में है एक पोस्टर जिसे चर्च ने ईसा मसीह के जन्म को लेकर व्याप्त रूढ़ियों को चुनौती देने के उद्देश्य से लगाया है. इस पोस्टर में दुखी जोज़फ़ ईसा मसीह की मां मेरी के बराबर में लेटे हुए हैं. इस पोस्टर को ऑकलैंड के सेंट मैथ्यू इन द सिटी चर्च ने इस उद्देश्य से लगवाया है जिससे एक बहस छिड़ सके. लेकिन कैथलिक चर्च ने ‘अनुचित’ और ‘अशिष्ट’ कह कर इस पोस्टर की आलोचना की है. जैसे ही यह पोस्टर लगा इसे भूरे रंग से पोत दिया गया. सेंट मैथ्यू इन द सिटी चर्च के पादरी आर्चडीकन ग्लिन कार्डी का कहना है कि इस पोस्टर को लगाने का उद्देश्य क्रिसमस के सही उद्देश्य को उजागर करना है.उन्होंने कहा, “हम करना ये चाहते हैं कि लोगों को सोचने को प्रेरित करें कि क्रिसमस का असल मक़सद क्या है”. आर्चडीकन ग्लिन कार्डी ने न्यूज़ीलैंड प्रैस एसोसिएशन को दिए इंटरव्यू में कहा, “क्या क्रिसमस का मतलब ये है कि एक आध्यात्मिक नर भगवान ने अपने वीर्य को पृथ्वी पर भेजा जिससे एक बच्चे का जन्म हो सके या इसका उद्देश्य है ईसा के रूप में प्रेम की शक्ति को अपने आस पास अनुभव करना.”. उन्होने कहा कि चर्च को इस पोस्टर पर बहुत से ईमेल और टेलिफ़ोन संदेश मिले हैं. इनमें से 50 प्रतिशत लोगों को यह पोस्टर पसंद आया और 50 प्रतिशत लोगों ने कहा कि यह बहुत अशोभनीय है. ऑकलैंड के कैथलिक डायोसीस की प्रवक्ता लिंडसे फ़्रीयर का कहना है कि यह ईसाइयों के लिए आपत्तिजनक है. फ़्रीयर ने कहा, "दो हज़ार साल पुरानी हमारी ईसाई परम्परा में मैरी को हमेशा कुंआरी माना गया है और ईसा ईश्वर के पुत्र हैं जोज़फ़ के नहीं". 'फ़ैमिली फ़र्स्ट' नामक एक संगठन का कहना है कि इस कौमार्य जन्म पर चर्च के भीतर बहस होनी चाहिए बिल बोर्ड लगाकर नहीं.
साभार . बीबीसी हिन्दी
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