विवादित ढांचे के विध्वंस का कोई अफसोस नहीं : भागवत

चंडीगढ़: अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराए जाने की 17वीं बरसी की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि 'इस घटना पर अफसोस का प्रश्न ही नहीं उठता।'
शनिवार को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में भागवत ने अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराए जाने के सवाल के जवाब में कहा, 'अफसोस जिनको करना चाहिए वह करें।' भागवत ने यह भी कहा कि 'राम मंदिर आंदोलन' को संघ का पूरा समर्थन मिलता रहेगा।
मीडिया के लोगों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में भागवत ने कहा, 'जो हुआ वह राम मंदिर आंदोलन से जुड़ा था। कारसेवकों, जिनमें मुसलमान भी थे, की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई थी। इसलिए आरएसएस के अफसोस करने का सवाल ही नहीं है।'
जब भागवत से 6 दिसंबर को बाबरी ढांचा गिराए जाने के दौरान उपस्थित मुसलमान नेताओं का नाम बताने को कहा गया तो उन्होंने मुख्तार अब्बास नकवी और (मुंबई के) मुजफ्फर हुसैन का नाम लिया।
भागवत ने कहा कि संतों द्वारा चलाए जा रहे राम मंदिर आंदोलन का संघ पूरी तरह समर्थन करता है और राम मंदिर चाहे सरकारी सहयोग से बने या फिर कोर्ट के आदेश से, संघ मंदिर बनाए जाने के आंदोलन के साथ रहेगा।
उन्होंने यह भी दावा किया कि 1992 के बाद से संघ के दूसरे अल्पसंख्यक धर्म जैसे मुस्लिम और ईसाई से संबंध बेहतर हुए हैं। उन्होंने कहा कि, 'संघ को समझने के लिए कुछ साल से लिए संगठन से जुड़ने की जरूरत होती है। चीनी की मिठास का मजा तो उसे खाने के बाद ही आता है।'
साभार - नवभारत टाइम्‍स.कॉम

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