हमें बाबरी मस्जिद ढहने का दुख नहीं: संघ
नई दिल्ली :लिबरहान आयोग की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए आरएसएस प्रवक्ता राम माधव ने नवभारतटाइम्स डॉट कॉम से स्पष्ट तौर पर कहा कि हमें विवादित ढांचे के ढहने का कोई दुख नहीं है। यह पूछे जाने पर ही ढांचा गिराने की जिम्मेदारी संगठन स्पष्ट तौर पर क्यों नहीं ले रहा है , तो उन्होंने हमेशा की तरह घुमावदार बात कहते हुए कहा कि यह जनआंदोलन था और हम कारसेवकों की भावनाओं की कद्र करते हैं। उस दिन जो हुआ वह अनायास था , कोई तयशुदा काम नहीं था। इसके लिए कोई भी दोषी नहीं है।
यहां गौर करने वाल बात है कि सोमवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने बाबरी ढांचे के गिरने को दुखद बताया था, वहीं संघ इस काम के लिए जरा भी दुख व्यक्त न करते हुए, उससे उलट बात कह रहा है।
साथ ही उन्होंने तल्ख स्वर में कानून मंत्री मोइली के उस कथन का , जिसमें मोइली ने ढांचे वाले स्थान को ठीक करने को कहा है , का उल्लेख करते हुए कहा कि मोइली और उनकी पार्टी कांग्रेस देश को स्पष्ट तौर पर यह बताए कि क्या वह दोबारा बाबरी मस्जिद बनाएंगे।
राम माधव ने लिबरहान रिपोर्ट पर सरकार के एटीआर पर सवाल उठाते हुए कहा कि बड़ी अजीब बात है सरकार 68 लोगों को दोषी तो बताती है , पर कोई खास कार्रवाई की बात नहीं करती है। सरकार अगर रिपोर्ट को सही मानती है , तो कार्रवाई करके दिखाए। उन्होंने कहा कि इस घटना में कोई दोषी नहीं है , यह सिर्फ जनांदोलन का परिणाम था।
वहीं आरएसएस के चिंतक तरुण विजय ने भी इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बाबरी ढांचे के ढहने पर आम हिंदू को कोई दुख नहीं है। उन्होंने कहा कि वह ढांचा गुलामी का प्रतीक था। उन्होंने लिबरहान रिपोर्ट को राजनैतिक साजिश करार देते हुए इसकी तुलना गोधरा पर पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की बनर्जी कमिटी रिपोर्ट से की। तरुण विजय ने स्पष्ट तौर पर कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर प्रदेश की बीजेपी सरकार को बर्खास्त करने के लिए अयोध्या में ऐसी परिस्थितियां पैदा कर दी थी। उन्होंने कहा कि यूपी में हिंदू मुसलमान के बीच जो कटुता पैदा हुई , वह कांग्रेस की ही देन है।
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