'लव जिहाद' मामलों की सीआईडी जांच के आदेश


कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट द्वारा हाल में दिए गए आदेश के बाद लव जिहाद संबंधी मामलों की सीआईडी जांच के निर्देश दिए हैं जिनमें युवा गैर मुस्लिम लड़कियों को कथित तौर पर आकर्षित कर उनसे शादी की जाती है और उनसे इस्लाम धर्म स्वीकार करवाया जाता है।

गृह मंत्री डा वी एस आचार्य की अध्यक्षता में पुलिस अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें केरल एवं कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में लव जिहाद की कथित घटनाओं संबंधी खबरों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक के बाद आचार्य ने संवाददाताओं से कहा कि यह तय किया गया कि सीआईडी के डीजीपी इस समस्या के बारे में अधिक सूचनाएं एकत्र करेंगे जिनमें केरल से भी सूचनाएं इकट्ठा की जाएंगी। समिति एक पखवाड़े के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी जिसमें इस समस्या से निपटने के बारे में उपाय भी सुझाए जाएंगे।

जांच इस बात पर भी केंद्रित होगी कि क्या लड़कियों को धर्मान्तरण के लिए आकर्षित किया जा रहा है, क्या कोई संगठन इस प्रकार की गतिविधियों को प्रोत्साहन और वित्तीय मदद दे रहा है तथा इन गतिविधियों के पीछे कौन हैं।

आचार्य ने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार लव जिहाज को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई करने के बारे में तय करेगी। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक लड़की के अभिभावकों द्वारा दायर सशरीर पेश करो याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य एवं केरल को निर्देश दिया कि वे जिहाद के बारे में संयुक्त तौर पर जांच करें और नंवबर 13 से पहले रिपोर्ट पेश करें। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि उनकी लड़की ने कन्नूर जिले के एक मुस्लिम लड़के से विवाह किया और उसे केरल के मल्लापुरम कस्बे के एक मदरसा में नजरबंद कर दिया गया है।

केरल हाई कोर्ट ने भी हाल में राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह लव जिहाद के बारे में सूचनाएं उपलब्ध कराए। उसने यह भी ध्यान दिलाया कि लव जिहाद या रोमिया जिहाद नाम से एक अभियान या परियोजना चलाई जा रही जिसमें केरल के मुस्लिमों के एक वर्ग को इस बात के लिए संतुष्ट किया जा रहा है कि वे अन्य धर्म की लड़कियों को इस्लाम स्वीकार करने को संतुष्ट करें।

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