संघ ने बांग्लादेशी घुसपैठ चिंता जताई
राजगीर: बिहार के राजगीर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में शनिवार को दूसरे दिन सीमा सुरक्षा और बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ पर चिंता व्यक्त की गई।
बैठक में बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ पर सरकार द्वारा ध्यान नहीं देने का अरोप लगाया गया। आरएसएस के एक अधिकारी की मानें तो बांग्लादेश के मुद्दे पर बैठक में चर्चा की गई। आरएसएस का मानना है कि आज भी बांग्लादेश से घुसपैठियों के आने का सिलसिला जारी है। परंतु सरकार इस पर लगाम नहीं लगा पा रही है।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख मदन दास देवी ने शनिवार को आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में भाग लेने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में अलगाववाद तथा आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के साथ-साथ चीन भी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि सरकार को चीन द्वारा हड़पी गई एक-एक इंच जमीन वापस लेनी चाहिए।
देवी ने कहा कि आज बैठक में मुख्य रूप से देश की सीमा सुरक्षा पर चर्चा की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि चीन सीमा पर सैन्य बल बढ़ा रहा है परंतु सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि नेपाल के अंदर भी चीन और पाकिस्तान अपने प्रभाव बढ़ाकर भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने में लगे हैं।
देवी ने सरकार से आह्वान किया कि सरकार देश को सशक्त बनाने में जनता का मनोबल ऊंचा रखे तथा खुद भी मनोबल बनाए रखे। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा के मामले में किए गए उचित कदम की तारीफ होनी चाहिए भले ही वह कोई भी हो।
उन्होंने कहा कि आतंकियों द्वारा मुंबई में किए गए हमले आतंकियों द्वारा नहीं बल्कि पाकिस्तान द्वारा भारत पर किया गया हमला था। उन्होंने पाकिस्तान से किसी प्रकार की वार्ता नहीं करने की सलाह देते हुए कहा कि सरकार को पाकिस्तान से तब तक वार्ता नहीं करनी चाहिए जब तक वह आतंकियों पर कारवाई नहीं करता।
देवी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विषय में पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि आरएसएस किसी भी संगठन की कार्य प्रणाली में हस्तक्षेप नहीं करता। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के साथ आरएसएस कभी सार्वजनिक चर्चा नहीं करता।
उल्लेखनीय है कि बिहार के राजगीर में आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की तीन दिवसीय बैठक में सर संघचालक मोहन भागवत, क़े सी़ सुदर्शन, प्रवीण तोगड़िया भी भाग ले रहे हैं। इस तीन दिवसीय बैठक में चर्चा का मुख्य बिंदु गांव के विकास, सीमा सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था तथा पर्यावरण है।
ज्ञात हो कि शुक्रवार को बैठक में गांव के विकास पर चर्चा की गई थी। जिसमें देश के लगभग 150 गांवों को गोद लेकर चार चरणों में इन गांवों के विकास करने की बात कही गई थी।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें