संघ ने मंगाए बीस राज्यों से तीन-तीन नाम
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भाजपा में बढ़ते हस्तक्षेप से पार्टी के कई वरिष्ठ नेता चिंतित हैं। पिछले कुछ समय से संघ लगातार भाजपा के अंदरुनी मसलों में हस्तक्षेप कर रहा है, जिसका परिणाम रहा कि पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं ने अलग-अलग समय पर संघ प्रमुख से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था। समझा जा रहा था कि यह सब भाजपा के अंदरुनी कलह के कारण हो रहा है लेकिन पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक संघ के हस्तक्षेप के बाद ही भाजपा में कलह का दौर शुरू हुआ।
लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार का ठीकरा एक दूसरे के सर पर फोड़ने में जुटे भाजपाई नेताओं की कलह तब और उजागर हो गई जब चिंतन बैठक के ठीक पूर्व संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान आया। उसके बाद भाजपा में जोर आजमाइश शुरू हो गई कि कौन कितना ताकतवर। बताया जा रहा है कि संघ का पार्टी में हस्तक्षेप इतना बढ़ गया है कि नए भाजपा अध्यक्ष के नाम पर भी मुहर संघ ही लगाएगा। इसके लिए संघ ने करीब 20 राज्यों से तीन-तीन नामों का पैनल भी मांगा है।
इन नामों पर अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में दिल्ली में होने वाली संघ की बैठक चर्चा होगी। संघ के इस फामरूले को अगर अमल में लाया जाता है तो अगला भाजपा अध्यक्ष कोई सूबाई नेता होगा। इनमें फिलहाल कई नामों पर चर्चा भी चल रही है। समझा जा रहा है कि सूबाई नेताओं के नाम पर चर्चा संघ के निर्देशों के बाद ही शुरु हुई। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह का कार्यकाल इस साल के अंत में समाप्त हो रहा है। नए अध्यक्ष के नाम को लेकर पार्टी नेताओं के बीच गहमा-गहमी मची हुई है। लेकिन संघ के फामरूले पर अगर नजर दौड़ाई जाए तो यह सभी नाम बाहर हो सकते हैं और कोई चौकाने वाला नाम सामने आ सकता है।
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