नेपाल में हिंदी में शपथ लेने का विवाद गरमाया

काठमांडू :सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज परमानंद झा के हिंदी में उप राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा ह
ै। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के विवादास्पद फैसले की प्रतियां जलाने के कारण गुरुवार को काठमांडू में एक दर्जन से भी अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। ये सभी झा के समर्थक थे जो सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

उल्लेखनीय है कि नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने हिंदी में उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले परमानंद झा से कहा है कि वह रविवार तक फिर से नेपाली भाषा में शपथ लें अन्यथा उन्हें पद से हाथ धोना पड़ेगा।
65 वर्षीय झा ने पिछले साल हिंदी में उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेकर विवाद खड़ा कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की विशेष बेंच ने आदेश दिया कि झा एक हफ्ते के अंदर नेपाली भाषा में पद और गोपनीयता की शपथ लें अन्यथा उन्हें पद से हाथ धोना पडे़गा। कोर्ट ने प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल की गठबंधन सरकार को भी उपराष्ट्रपति के लिए नए सिरे से शपथग्रहण की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
दक्षिण नेपाल के तराई इलाके से ताल्लुक रखने वाले झा ने जुलाई 2008 में उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। शपथ ग्रहण समारोह में वह धोती और कुर्ता पहनकर पहुंचे थे, जबकि इसे नेपाली वेश नहीं माना जाता है। झा के शपथ लेने के अगले ही दिन एक वकील ने उनके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था। वैसे नेपाल में हिंदी फिल्मों का बड़ा बाजार है और लोग भी हिंदी भाषा का प्रयोग करते हैं, लेकिन इसे आधिकारिक भाषा नहीं माना जाता है।
साभार - नवभारत टाईम्स .कॉम

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