उर्दू से अनजान जिन्ना थे गुजराती में माहिर
बीजेपी नेताओं के बीच अपनी शख्सियत की असलियत को लेकर घमासान का केंद्र बने कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना के बारे में कम ही लोगों को मालूम है कि उन्हें उर्दू भाषा नहीं आती थी, जो पाकिस्तान की आधिकारिक भाषा बनाई गई। बाद में यह उर्दू भाषा पाकिस्तान से बांग्लादेश के अलग होने के वजहों में से एक रही। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जिन्ना गुजराती में धाराप्रवाह थे। जिन्ना अपनी मातृभाषा गुजराती लिखने-पढ़ने में दक्ष थे। एक सच यह है कि जैसे भारत के महात्मा गांधी विख्यात है और उनकी जन्म स्थली गुजरात है उसी तरह जिन्ना की जन्म स्थली पोरबंदर से ज्यादा दूर नहीं है। दोनों ही गुजरात के काठियावाड़ इलाके में आते हैं। 1915 के आसपास जिन्ना ने 'बीसवीं सदी' नाम के एक मैगजीन को इंटरव्यू दिया। अपने इस इंटरव्यू में जिन्ना ने आठ सवालों के जवाब एक-एक शब्द में गुजराती में दिए और वह भी अपनी लिखावट में। एक-एक शब्द में दिए गए इस उत्तर से उनकी पर्सनैलिटी का पता चलता है। शायद यही कारण हो सकता है कि जिन्ना का जिन्न भारत में आये दिन कोहराम मचा देता है भई आप क्या कहेंगे की जिन्ना सच्चे मुस्लमान थे या मुस्लमानों के हितैशी थे.
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