सहकार भारती के 15 हजार स्वयंसेवको की सभा भोपाल में

भोपाल: धीरे-धीरे मध्यप्रदेश राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों का एक सक्रिय केंद्र बन रहा है। किसान संघ के चार दिन के चिंतन वर्ग के बाद अब अक्टूबर में तीन दिन तक सहकार भारती के देशभर के प्रतिनिधि यहां डेरा जमाएंगे।
इसमे बाबा रामदेव से लेकर बांग्लादेश के नोबल शांति पुरस्कार से नवाजे गए अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस तक को लाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। करीब 15 हजार प्रतिनिधि इस दौरान होने वाली सभा में शिरकत करेंगे।
सहकार भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सूर्यकांत केलकर इस जलसे को अंतिम रूप देने के लिए अगले सप्ताह भोपाल आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार 31 अक्टूबर से दो नवंबर तक सहकार भारती के राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन भोपाल में तय हो चुका है। हर तीन साल में होने वाला यह अधिवेशन दिल्ली और मुंबई के बाद अब यहां होने जा रहा है।
पहले दो दिन तक तीन हजार प्रतिनिधि वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए सहकारिता को मजबूत करने की दिशा नीति बनाएंगे और तीसरे दिन एक बड़ी सभा व रैली की तैयारी की जा रही है, जिसमें 15 हजार लोग शिरकत करेंगे।
इस समागम को राष्ट्रीय महत्व देने के लिए पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति और परम कम्प्यूटर के जनक विजय भाटकर से संपर्क किया जा रहा है। संघ के निवृत्तमान सर संघचालक केएस सुदर्शन और सह सरकार्यवाह मदनदास देवी समेत कई दिग्गज इसमें शामिल होंगे।
सुर्खियों को लेकर सीख
सूत्रों ने बताया कि सूर्यकांत केलकर ने पिछले दिनों विवादों में लगातार नाम सुर्खियों में रहने से सहकारिता मंत्री गौरीशंकर बिसेन को समझाइश दी और सहकारिता के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में कुछ बेहतर मॉडल विकसित कर दिखाने की सीख दी है। माना जा रहा है कि अक्टूबर के आयोजन के दौरान भाजपा शासित राज्यों के सहकारी क्षेत्रों के सूरते-हाल को संघ अपनी कसौटी पर कसेगा।
सहकार भारती आरएसएस का ही एक अनुषंगी संगठन है, जिसकी कोशिश सब तरह के सहकारी अभियानों को एक मंच पर लाने की है। गौरतलब है कि गत जून में किसान संघ की चार दिन की बैठक के दौरान संघ के सर संघचालक मोहन भागवत की उपस्थिति में प्रदेश में खेती की हालत पर किसान संघ ने खुलकर नाराजगी जाहिर की थी। संघ में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके और मध्यप्रदेश में वर्र्षो तक सक्रिय रहे श्री केलकर संगठन और सरकार की विसंगतियों पर तल्ख टिप्पणियों के लिए भी जाने जाते हैं। इस आयोजन के बहाने उनकी सक्रियता से अब भाजपा में सबकी निगाहें स्थानीय निकायों के चुनावों के पहले होने जा रहे इस बड़े आयोजन पर टिकी हैं।
साभार - भास्कर.कॉम

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