जागो स्वयंसेवक जागो
- नकारात्मक खबर के बारे में
आज से हम एक नया अभियान प्रारंभ कर रहे है| ये अभियान है उन मीडिया और पत्रकारों को जागरूक करने के लिए जो बगैर सोचे समझे ऐसे खबर प्रकाशित करते है जिसकी जानकारी उन्हें होती है मगर नकारात्मक और गलत ऐसी ही एक समाचार प्रकाशित हुआ है दैनिक भास्कर पर जो आपके लिए है | इस समाचार को पढने के बाद आप भी उन पत्रकारों को धन्यवाद दे या आलोचना करे ये आपकी मर्जी |
रचनात्मक विरोध करें - दैनिक भास्कर
सतीश एलिया
भोपाल. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के उग्र छवि वाले वाले आनुषांगिक संगठन विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी और मातृ शक्ति अब धर्र्मातरण और गौवध जैसे मामलों में अपने विरोध प्रदर्शन कानून के दायरे में रहकर करने की रणनीति अपना सकते हैं, ताकि भाजपा शासित राज्यों में सरकारों और इन संगठनों को काम करने में आसानी हो सके। विरोध के रचनात्मक और अनोखे तरीकों पर भी जोर दिया जा रहा है, ताकि उसकी ओर मीडिया का ध्यान भी खींचा जा सकें।
संघ के सूत्रधार इन संगठनों के कार्यकर्ताओं को मर्यादा में रहने की यह सीख प्रशिक्षण शिविरों में दे रहे हैं। ऐसा ही एक शिविर राजधानी भोपाल से पंद्रह किलोमीटर दूर केरवा बांध रोड पर स्थित शारदा विहार में खामोशी से चल रहा है।
इसमें चार राज्यों के पौने दो सौ कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं। समापन के मौके पर 19 जून को विहिप नेता अशोक सिंघल और डा. प्रवीण भाई तोगड़िया के आने की संभावना है। आरएसएस सूत्रों के मुताबिक अब संघ ने इन संगठनों के तीखे तेवरों को उदार बनाने की कवायद शुरू की है। इसी के तहत हिंदू हितों की रक्षा के लिए बनाए गए विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, दुर्गावाहिनी और मातृशक्ति के तेवरों में बदलाव लाने की रणनीति बनाई गई है।
गौवध और धर्र्मातरण जैसे भावनात्मक मुद्दों पर कानून की भी परवाह नहीं करने वाली छवि रखने वाले इन तेजतर्रार संगठनों को अब इन मुद्दों पर नियमों के दायरे में रहकर विरोध का पाठ पढ़ाया जा रहा है। खासकर उन राज्यों में भाजपा को इन प्रदर्शनों से ज्यादा दिक्कत हो रही है जहां उसकी सरकार है। हाल ही में गुजरात में बंद के आह्वान को लेकर सरकार की विहिप में तनातनी सामने आ चुकी है। आरएसएस ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन को लेकर भी मंथन किया है।
संघ उदार रवैया अपनाने का संकेत दे चुका है। संगठनों को नरम रवैया अख्तियार करने की सीख देने के सिलसिले में देश के चुने हुए शहरों में शिविर लगाए जा रहे हैं। शुरूआत भोपाल से हुई है। इसमें संघ के 11 संगठनात्मक प्रांतों के 170 चुने हुए कार्यकर्ता और पदाधिकारी भाग ले रहे हैं।
इनमें मप्र, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात के कार्यकर्ता शामिल हैं। ऐसे ही शिविर जम्मू और दिल्ली में भी चल रहे हैं। संघ के सूत्रों के मुताबिक पांच जून से शुरू इस शिविर को ‘परिषद शिक्षा अभ्यास वर्ग’ नाम दिया गया है। गुपचुप चल रहे इस शिविर का संचालन बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक प्रकाश चंद्र शर्मा कर रहे हैं। विहिप के पदाधिकारी दिनेश चंद्र, विनायक राव देशपांडे और राजेश तिवारी भी सहयोग दे रहे हैं।
एकल विद्यालय पर जोर : शिविर में सेवा भारती के एकल विद्यालय के बारे में भी बताया जा रहा है, जिसमें वनवासियों को साक्षर करने एवं उन्हें हिंदू संस्कृति के बारे में शिक्षा देने के लिए भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
शिविर में भाग लेने के बाद यह प्रशिक्षित कार्यकर्ता अपने-अपने संगठन में प्रशिक्षण कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे। शिविर में बिना हिंसा का सहारा लिए अपने आंदोलनों को प्रभावी बनाने और लोगों को उससे जोड़ने के गुर सिखाए जा रहे हैं। संघ के सेवा विभाग की दो दिनी बैठक भी भोपाल में आरएसएस के सेवा विभाग की राष्ट्रीय स्तर की दो दिनी बैठक 19-20 जून को भोपाल में शारदा विहार में होगी। इसमें संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी आएंगे।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें