ये देश के फ़िल्म उधोग के लिए शान की बात है |


ये देश के लिए शान की बात है |
हम कह देते है की कोई भी भारतीय फ़िल्म ओस्कर या कोई बड़ी अवार्ड नही जीत सकती है क्यों हम भूल जाते है की पूरी दुनिया में जितनी फ़िल्म भारत में बनती है उतनी पूरी दुनिया में नही बनती है अगर 4 Golden Globe Award जीत कर ये जाता दिया है की भारत में भी अच्छी फ़िल्म बनती है क्या खास बात है की स्लमडॉग मिलियनेयर में की इसने 4-4 अवार्ड जेते है क्या मुंबई या भारत की गरीबी को दिखा दिया है या ये उस लड़के की फ़िल्म है जो झुग्गी झोपरी में रहते हुए भी कौन बनेगा करोड़पति में पहुचता है और जीत भी जाता है माना की ये फ़िल्म भारतीय पृष्टभूमि में बनी है, फ़िर भी सोच का विषय है | आए हम जाने कुछ स्लमडॉग मिलियनेयर को मिले अवार्ड में बारे में
स्लमडॉग मिलियेनयर के संगीत के लिए भारतीय संगीतकार रहमान को मिला अवार्ड. किसी भारतीय के लिए पहला गोल्डन ग्लोब.फ़िल्म के पटकथा लेखक साइमन ब्यूफॉय जिन्हें सर्वश्रेष्ठ पटकथा लेखक का पुरस्कार मिला ब्रिटिश निर्देशक डैनी बॉयल जिन्होंने स्लमडॉग मिलियनेयर का निर्देशन किया और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का गोल्डन ग्लोब अवार्ड जीता. मुंबई को जिस तरह से बॉयल ने फ़िल्माया है वो शायद अब तक कोई नही कर पाया था. फ़िल्म के मुख्य किरदार देव पटेल और फ्रीदा पिंटो के साथ निर्देशक डैनी बॉयल. बॉयल ने अपने भाषण में पटेल और फ्रिदा की जमकर तारीफ़ की.

1 टिप्पणियाँ:

Unknown 13 जनवरी 2009 को 11:10 pm बजे  

बिल्कुल सही कहा आपने!

Related Posts with Thumbnails

Blog Archive

  © Blogger templates The Professional Template by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP