मन मस्त फकरी धरी है, अब एक ही धुन जय जय भारत |
मन मस्त फकरी धरी है, अब एक ही धुन जय जय भारत |
जय जय भारत, जय जय भारत ||
हम धन्य है इस जग जननी की, सेवा का अवसर है पाया
इसकी माती वायु जल से, दुर्लभ जीवन है विकसाया
यह पुष्प इसी के चरणों में , माँ प्राणों से भी प्यारी है ||१||
सुंदर सपने नव आकर्षण, सब तोड़ चले मुख मोड़ चले
वैभव महलों का क्या करना, सोते सुख से आकाश तले
साधन की और न ताकेंगे, काटों की राह हमारी है ||२||
इस समय चुनिती भीषण है, हर देश द्रोह सीना ताने
पथ भ्रष्ट नीतिया चलती है, आतंकी घुमे मनमाने
जन-जन में स्वत्व जगायेंगे, भारत की शक्ति अपारी है ||३||
ऋषियो मुनियों संतो का तप, अनमोल हमारी थाती है
बलिदानी वीरो की गाथा, अपने रग-रग लहराती है
गौरवमय नव इतिहास रचे, अब अपनी ही तो बारी है ||४||
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