देश है पुकारता पुकारती माँ भारती |

देश है पुकारता पुकारती माँ भारती
खून से तिलक करो, गोलियो से आरती ||ध्रु||
देश की तक़दीर हो, देश की शमशीर हो |
वीर पृथ्वीराज की जगती तस्वीर हो ||१||
इंच मात्र भूमि भी, ले न पाए कोई भी
मर मिटो रे साथियो, बढ़ न पाए कोई भी ||२||
तुम जहाँ खड़े रहो, शैल से अडे रहो |
दुश्मनो के वछ में, तीर से गडे रहो ||३||
मौत से न डर जहाँ, मौत ही तो मीत है |
मृत्यु से महान कौन, इस जहाँ में गीत है ||४||

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