बुद्धिमान बालक और राजा |
एक बार एक राज्य में एक काना राजा था मतलब उसे एक आँख नही थी, एक बार उसने अपने आप की तस्वीर बनवाने की सोची उसने राज्य में चारो तरफ़ ये ख़बर फैला दी की जो कोई भी मेरी तस्वीर बना कर लायेगा उसे राज्य का आधा हिस्सा इनाम में दिया जाएगा, और साथ में शर्त ये भी रखी की अगर राजा को वो तस्वीर पसंद नही आई तो उस चित्रकार को कारागार में डाल दिया जाएगा | सभी चित्रकार उस की तस्वीर बनने में लग गए और जब उस तस्वीर को राजा को दिखाया गया तो उस ने चित्रकार को जेल में डाल दिया | ऐसा करते करते लगभग राज्य के सभी चित्राकार को जेल में डाल दिया गया | अंत में एक १२ वर्ष का बालक राज्य दरबार में आया और कहा की मैं आप का चित्र बनाऊंगा, इस पर उस ने कहा की सोच लो बालक अगर मुझको आपकी बनाई हुई तस्वीर पसंद नही आई तो तुमको भी कारागार में डाल दिया जाएगा, बालक बोला ठीक है महाराज ! लेकिन मेरे पास तस्वीर बनने के लिए आवश्यक सामग्री नही है, राजा ने कहा उसकी चिंता तुम मत करो मैं तुम्हे सामग्री मैं दूंगा ! उस से सामग्री लेकर बालक बोला मैं आप से १५ दिन बाद मिलता हूँ राजा ने कहा ठीक है |
१५ दिन बाद ...........
बालक दरबार में एक तस्वीर के साथ हाजिर हुआ उसने वो तस्वीर को राजा को दिखाया उस ने तस्वीर देखते है कहा वह बालक मान गए आप को .... मैं आपको अपने राज्य का आधा क्या पुरा राज्य ही दे देना चाहता हूँ !
क्या आप बता सकते है की उस बालक ने क्या तस्वीर बनाई थी ............... और उसके और बाकी चित्रकारों के तस्वीर में क्या अन्तर था, बालक ने ऐसी तस्वीर बनाई थी जिसमे राजा एक जंगल में था और शेर का शिकार कर रहा था वो भी तीर से निशान लगा कर.............. मतलब चित्र कुछ ऐसा था की जब राजा निशाना लगा रहा था तो उसकी एक आँख बंद थी इससे किसी को अभाष भी नही होगा की राजा अँधा था | अर्थात महुष्य को हमेसा सकारात्मक और सत्य सोचना चाहिये | आपको ये कहानी कैसा लगा हमे जरुर कमेंट्स करे आपको विचारो का स्वागत है अगर ऐसी कोई भी कहानी आपके पास है जो इस ब्लॉग का हिस्सा बन सकता है तो मुझे मेल करे Sanghsadha@gmail.com |
1 टिप्पणियाँ:
वाह |
जारी रखें .
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