चाहिए आशीष माधव

चाहिए आशीष माधव

हिए आशीष माधव। नम्र गुरूवर प्रार्थना।।

देव इंगित पर तुम्हारे। ध्येय पथ पर बढ़ रहे है।
आप से ज्योतित अनेकों। दीप अविचल जल रहे हैं।।
राष्ट्रजीवन का गहनतम। शीघ्र ही मिटकर रहेगा।
मातृमंदिर में विभूषित। दिव्य तव आराधना ।।1।।

संकटों से पूर्ण पथ पर। पुण्य स्मृति तव मार्गदर्शक।
फूल होंगे शूल सारे। मित्र होंगे सब विरोधक।।
दीजिए वह शक्ति ऋषिवर। बढ़ सकें पथ पर निरंतर।
कर सकें साकार गुरूवर। आपकी हम कल्पना।।2।।

शत्रु को भी जीतता था। आपका चारित्र्य उज्वल।
निंदकों पर मात करता। आपका व्यवहार निर्मल।।
मातृभू की वेदना। जों आपके उर में बसी थी।
पा सकें अल्पांश भी तो। पूर्ण होगी साधना।।3।।

पूज्य केशव थे भगीरथ। साथ लायें संघधारा।
इष्ट उनको मान तुमने। भाग्य भारत का सँवारा।।
लक्ष्य की द्रुत पूर्ती हो। हम माँगते आशीष तुमसे।
कर सकें हम शीघ्र पूरी। मातृभू की अर्चना ।।4।।

0 टिप्पणियाँ:

Related Posts with Thumbnails

Blog Archive

  © Blogger templates The Professional Template by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP