वंदे मारतम् नहीं गाएं मुसलमान, जमीयत उलेमा का फतवा
नई दिल्ली। जमीयत उलेमा हिंद ने देश के राषट्रीय गीत वंदे मातरम् को गैर-इस्लामी करार देते हुए इसके खिलाफ फतवा सुना दिया है। जमीयत के राष्ट्रीय अधिवेसन के दूसरे दिन एक प्रस्ताव पारित किया गया है जिसमें मुसलमानों से वंदे मारतम् नहीं गाने को कहा गया है। खास बात यह है कि इस अधिवेशन के समापन समारोह में शिरकत करने मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम और संचार मंत्री सचिन पायलट तथा योग गुरू बाबा रामदेव ने भी शिरकत की।
अधिवेशन में जमीयत के प्रमुख और राज्यसभा सांसद मौलाना महमूद मदनी व राष्ट्रीय अध्यक्ष कारी मोहम्मद उस्मान की मौजूदगी में उलेमा ने कुल 25 प्रस्ताव पारित किए। अन्य प्रस्तावों में से ज्यादातर केंद्र सरकार के लिए समस्या पैदा करने वाले ही हैं। उलेमा ने जिहाद की आड़ में आंतकवाद और बेगुनाहों के खून को साफ तौर पर गैर इस्लामिक कृत्य व अपराध करार दिया है।
इसके साथ ही आधुनिक शिक्षण केंद्रों की स्थापना का प्रस्ताव एकराय से पास किया है। अधिवेशन ने संप्रग सरकार के महत्वाकांक्षी महिला आरक्षण बिल को अनावशयक बताते हुए खारिज कर दिया और ईसाई और कादयानी मिशनरियों द्वारा धर्म परिवर्तन पर विरोधी तेवर दिखाए। उलेमा ने सच्चार कमेटी भी पूरी तरह से लागू करने की मांग की। उधर, मुस्लिम लॉ बोर्ड ने भी जमीयत के फतवे को जायज ठहराया है। उसने कहा है कि मुसलमान अल्लाह को छो़डकर किसी की इबादत नही कर सकते। बोर्ड के सदस्य कमल फारूकी ने कहा कि हम देश से प्रेम करते हैं, लेकिन पूजा नहीं करते।
साभार - खासखबर.कॉम
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